आदरणीय स्कूल संचालक,
आज विशेष परिस्थितियों में आपके सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है,और उम्मीद भी हैं कि आप निराश नही करेंगे। वर्तमान समय मे स्कूलों के सामने आने वाली नित नई समस्याएं आपसे छुपी नही है।
आपका स्कूल चाहे गैर मान्यता-प्राप्त हो या मान्यताप्राप्त, समस्या हर स्तर पर है। आज एक स्कूल संचालक को सम्मान की दृष्टि से नही देखा जाता। कभी समय था कि गुरु की तुलना भगवान से की जाती थी परंतु आज परिस्थिति ऐसी आ गयी है कि स्कूल चलाना कठिन हो गया है एक स्कूल संचालक के मन मे हर वक़्त भय रहता कि कोई नई समस्या उसके स्कूल में या उसके सामने कब आन खड़ी हो और वो उसका सामना कैसे करेगा? अपने स्तर पर हर स्कूल संचालक कोशिश करता है कि वो समस्या का समाधान निकाले परंतु बहुत सी समस्याएं इतनी जटिल होती है जो स्कूल संचालक के बस से बाहर होती हैं जिसके लिए उसे किसी न किसी यूनियन से जुड़ना पड़ता है क्योंकि एक अकेला , अकेला ही होता है
आज हरियाणा में बहुत सी स्कूल यूनियंस सक्रिय है परंतु वे सभी अलग अलग दिशाओ में प्रयास कर रहे है कोई भी यूनियन इस स्तर पर नही है कि हर तरह के स्कूल यानी कि छोटे बड़े स्थाई, अस्थाई, प्ले वे, ग़ैरमान्यताप्राप्त व cbse स्कूलों को एकजुट करके एकसाथ काम कर रही हो। हम प्रयास कर रहे है कि सभी यूनियंस मिलकर काम करे, उसके लिए चाहे आप किसी भी यूनियन से क्यों न जुड़े हो आप जुड़े रहे परंतु आपका यह सहयोग जरूरी है आप भी सभी यूनियंस को एकजुट करने की दिशा में प्रयास करे,क्योंकि जब तक हम सभी स्कूल संचालक ये इच्छा नही दिखाएंगे के सबको स्कूलों के सांझे हितों के लिए एकजुट होना चाहिए तब तक ये मुहीम कामयाब होना संभव नही है कि सभी यूनियंस एकजुट हो।
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जीवन परिचय-
जयपाल सिंह का जन्म 1 जनवरी 1968 को गाँव- सॉवड़ में माँ श्रीमती विमला देवी और पिता श्री मामचन्द् सिंह के घर में हुआ । इनके पिता सिंचाई विभाग में तारबाबू थे तथा साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे। वे एक अच्छे समाजसेवी थे। इनकी माता श्रीमती बिमला देवी जी धार्मिक विचारों से ओतप्रोत है वे पूरा दिन समाज सेवा और भगवान के ध्यान में मग्न रहती है।
शिक्षा-
जयपाल सिंह की प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के सरकारी स्कूल में हुई। उन्होंने 1984 में गांव के सरकारी स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने BSc. (Govt. College Bhiwani), B.Ed (KM. Education College Bhiwani), MA (Economics) Govt. College Bhiwani M.Sc. (Math) MDU Rohtak से 1994 में उत्तीर्ण की । पढाई में रुचि होने के कारण इन्होंने 1995 में विभा हाई स्कूल साँवड की स्थापना की तथा विभाग से दसवीं की अस्थायी मान्यता ली । समाज सेवा के कारण कम फीस लेने और आर्थिक हालत ठीक ना होने के कारण आज तक विद्यालय अस्थायी मान्यता पर ही चल रहा है जबकि विद्यालय में बच्चे की संख्या 400 से 500 के बीच रही है। विद्यालय ने मिडल की स्थाई मान्यता सितंबर 2019 में ली है। विधालय 10+2 की मान्ता लेने के लिए प्रयासरत है। इनका विवाह 1985 में श्रीमती पुष्पा देवी के साथ हुआ । इनके दो पुत्र और एक पुत्री है। पुत्री विभा ने M.com, B.Ed व M.A (English) की है। बड़ा पुत्र आकाश B.Tech, B.Ed बाद विद्यालय में ही Math, Physics पढ़ा रहा है। छोटा पुत्र आशु B.Tech करने के बाद competitive Exam की तयारी कर रहा है।
सम्मान-
1995 से अस्थाई मान्यता और गैर मान्यता वाले स्कूलों के संघर्ष में साथ रहे हैं ।
उद्देश्य -
शिक्षा में सुधार करना और सांस्कृतिक शिक्षा देना ही इनका एकमात्र उद्देश्य है।
जयपाल सिंह परमार
मेरी संक्षिप्त जीवनी
मै गांव कौल जिला कैथल हरियाणा का स्थायी निवासी हू | मध्यम वर्गीय परिवार से मै सम्बन्ध रखता हु | मेरा जनम 1 जुलाई 1966 का है | मेरे पिता का नाम श्री मान छोटा राम और माता श्री मति फूलो देवी है | हम तीन भाई और एक बहिन है | मेरा विवाह श्री मति उषा देवी (करनाल) से हुआ | मेरी दो बेटिया और 1 बेटा है | मैंने संस्कृत से एम् ए और बीएड की हुई है और एल एल बी कर रहा हू| मेरी बाहरवीं तक की पढाई स्थानीय सरकारी स्कूल से हुई है | ग्रेजुएशन भी स्थानीय जनता कॉलेज कौल से हुई | मै हमेशा सादा जीवन, उच्च विचार के सिद्धांत पर जिया | मैं कॉलेज में भी कुर्ता पजामा में जाया करता था पर अब तो पेंट भी पहनने लगा हु | मै आरम्भ से ही नशे आदि से दूर रहा हू| इसका विशेष कारण बचपन से ही आर्य समझ से जुड़े रहना है | मेरे गांव कौल में वर्षो से आर्य समाज का प्रचार होता रहा है | मेरे चाचा डॉ ताराचंद आर्य काफी वर्षो तक आर्य समाज के प्रधान रहे | इनके संग रहते हुए आर्य समाजियो की सेवा करने का सुअवसर मिलता रहा | मैंने आर्य वीर दल के अनेक शिविर स्टैंड किये जिससे की मै इस संस्था का व्यायाम शिक्षक और बाद में कुरुक्षेत्र जिले का मंडलपति भी बना | मैंने सन 1987 में स्वयं योगासन सीखकर गांव के अनेक युवाओ को योगासन सिखाया और वैदिक रीती से घर घर यज्ञे करवाये | 6 अप्रैल 1988 में आर्य नव ज्योति स्कूल की स्थापना की जिसका उद्धघाटन आचार्य देवव्रत जी गुरुकुल कुरुक्षेत्र के कर कमलो से हुआ | अब यह स्कूल 10 +2 तक तीनो साइड में स्थायी मान्यता प्राप्त है |
मैं समय समय पर अनेक संस्थाओ से जुड़ता रहा हू | मै अन्ना जी के भष्टाचार सम्बन्धी आंदोलनो से बड़ा प्रभावित हुआ | जिसके कारण गांव में अन्ना सेवा समिति बनाकर गांव के अनेक विकास कार्यो में भाग लिया | में स्वामी राम देव जी के प्रकल्पो से भी जुड़ा | इनके द्वारा लगाए गए शिवरो में गया | मै सवामी जी का आदर्श योग शिक्षक 2005 में बना था | अब वर्तमान में तहसील प्रभारी पतंजलि योग समिति हूँ | मैंने गांव में 22 मार्च 2015 को एक गैर राजनितिक सामाजिक संस्था दी इंटरनेशनल रिलीफ ग्रुप (ट्रस्ट) की भी स्थापना की जिसका मै वर्तमान समय में चेयरमैन हूँ | इस संस्था के माध्यम से हम लगभग 50 सदस्य मिलकर पूरा वर्ष अनेक सामाजिक कार्यो को अंजाम देते है| मै काफी वर्षो तक प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ब्लॉक ब्लॉक पुण्डरी का प्रधान रहा हूँ | वर्ष 2018 में प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन कैथल की कार्येकरनी का सदस्य रहा हूँ | वर्ष 2019 में जिला सतरीय कार्येकरिणी में मीडिया प्रभारी के रूप में पदाधिकारी रहा | प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ठांड ब्लॉक का अहम सदस्य हूँ | वन स्टेट वन यूनियन का जो ध्येय है, वह मेरा कई वर्षो से सपना रहा है | वह सपना श्री मान सुमित चावला जी के माध्यम से सफल होने जा रहा है | परमात्मा ने चाहा तो हम सब मिल कर इस सपने को सच करेंगे | आपका अपना साथी |
रणबीर आर्य M.A B.ed
संचालक | संस्थापक
आर्य नव ज्योति सी. सै. स्कूल
VPO कौल (कैथल) 9416677090
जीवन परिचय-
राजेश कुमार का जन्म 15 मार्च 1976 में गाँव सिवाहा जिला जींद में हुआ। इनके पिता जी का नाम रामफल व माता जी का नाम श्रीमती रोशनी देवी है। किसान परिवार में जन्म हुआ परन्तु निडरता व संघर्ष करने के गुण इनमे बचपन से ही है। सादगी इनके जीवन का मूल अंग है।
शिक्षा-
सरकारी विद्यालय से अपनी शिक्षा शुरू कर इन्होने अपनी Master of Economic की degree Kurukshetra University Kurukshetra से ग्रहण की। इसके अलावा Master of English, B.Ed व Degree in alternative medicine में प्राप्त की।
स्कूल स्थापना-
शिक्षा में विशेष रूचि होने के कारण इन्होने वर्ष 2002 में Swami Dayanand Public School की स्थापना की व एक शिक्षक के रूप में ख्याति प्राप्त की। परन्तु संघर्ष से तो इनका चोली दामन का साथ है। उसी वर्ष सरकार ने निजी स्कूलों को बंद करने के लिए नई शिक्षा निति लाई ।
स्कूल संघर्ष शुरू हुए जिसमे इन्होने स्कूलों को मान्यता दिलाने के संकल्प के साथ आवाज बुलंद की।
जोर जुलम की टक्कर में , संघर्ष हमारा नारा है।।
इन्होने अम्बाला से चंडीगढ़ तक पैदल मोर्चा निकला।
वर्ष 2005 में इन्होने सरकार से सीधे बातचीत करने के लिए तथा निजी स्कूलों को मान्यता दिलाने के लिए चंडीगढ़ के मटका चौक पर तीन दिवसीय धरने पर्दर्शन आयोजित किए।
2007 में स्कूलों को मान्यता दिलाने के संघर्ष में चंडीगढ़ सेक्टर में धरना दिया व विधानसभा का घेराव करते हुए पुलिस चार्ज का सामना करना पड़ा तथा चंडीगढ़ की बुदेल जेल गए। बाद में सरकार से बातचीत करने के बाद निजी स्कूलों को कुछ राहत मिली।
कोरोना संकट में स्कूलों के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए निरंतर संघर्ष जारी है।
मत पूछो की मेरी मंजिल कहाँ है , अभी तो सफर का इरादा किया है।।
नहीं हारूंगा हौसला उम्र भर , मैंने किसी और से नहीं खुद से वायदा किया है।।
सम्मान-
तीन बार Private School Association के अध्यक्ष रहे।
Private School Federation द्वारा स्कूलों के हित में किए गए कार्यो को देखते हुए अम्बाला बुलाकर सम्मानित किया गया।
भिवानी इकाई द्वारा भिवानी बुलाकर सम्मानित किया गया।
शोक-
To built Students Motivation Read Positive Books
भाषा-
हरयाणवी , हिंदी व English.
लक्ष्य -
अस्तित्व के लिए संघर्ष।
Rajesh Kumar
Director: Swami Dayanand Public School
जीवन परिचय-
कुलदीप शर्मा जी का जन्म गाँव ईशापुर खेड़ी तहसील गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा राज्य के एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में 10 मई 1974 को हुआ ।इनके पिता श्री पंडित प्रेमचंद शर्मा जी पेशे से किसान थे,जो कि हमेशा धार्मिक कार्यों गोशाला सेवा व समाज सेवा में लगे रहते थे।माता श्री मति मलही देवी जी धार्मिक विचारों से ओतप्रोत थी, माता- पिता प्रेरणा से कुलदीप शर्मा जी भी धार्मिक एवम सामाजिक भावनाओ से भरे हुए है 4 भाई व एक बहन हैं आप पांचों में सबसे छोटे हैं ,शुद्व समाज सेवा राष्ट्रवाद स्वदेशी ,इनका मुख्य ध्येय हैं।
पवित्र बंधन 22 फरवरी 1996 में वैवाहिक जीवन में पदार्पण धर्मपत्नी बिमला शर्मा संग हुआ, MA Med हैं व विवेकानंद पब्लिक सी से स्कूल ईशापुर खेड़ी की प्रिंसिपल हैं। व 2 बच्चे हैं बेटी llb कर रही है व बेटा नीट की तैयारी कर रहा है।
शिक्षा-दीक्षा-
कुलदीप शर्मा जी की प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही सरकारी स्कूल में हुई।इसके बाद जनता हाई स्कूल बुटाना से इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद govt कॉलेज गोहाना से 12 th मेडिकल स्ट्रीम से की उसके बाद स्ट्रीम बदलकर स्नातक डिग्री व स्नातकोत्तर डिग्री राजनीति शास्त्र, व हिंदी व अंग्रेजी तीन विषयों में की व ततपश्चात बीएड M phil कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से व LLB LLM हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मध्यप्रदेश से किया जहां से इनको कॉलेज के समय 1992 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक बना तभी से राष्ट्र भक्ति की भावना को ओर बल मिला।
रुचि-
इनकी मुख्य रुचि संघ के गीत एवम देश भक्ति गीत सुनने की ही रही हैं।साथ साथ ही समाज सेवा के कार्यो में इनकी लगाव बहुत ज्यादा है।
शौक़-
ज्यादा से ज्यादा लोगो से मिलना।बातचीत करना। इसी भावना से 1996 में युवा विकास मण्डल नामक संगठन बनाया जिसके माध्यम से अनेक समाज सुधार व खेलकूद गतिविधियों का आयोजन किया व राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के माध्यम से अपने गाँव को साक्षर किया। गीता अध्ययन, राष्ट्र भक्तों की जीवनी पढ़ना।
कैरियर-
आरम्भ में इन्होंने चौपाल में बच्चो को शिक्षा देना आरम्भ किया।बाद में इनकी रुचि बिज़नेस की ओर बढ़ गयी।सन 1997 में इन्होने विवेकानंद पब्लिक स्कूल की स्थापना की व स्कूल को 12 th तक अपग्रेड उसके बाद 2011 में पिता जी के स्वर्गवास के बाद उनकी स्मृति में गोहाना शहर में प्रेमचंद मेमोरियल ट्रस्ट बनाकर दूसरे स्कूल विवेकानंद पब्लिक स्कूल गोहाना की स्थापना की, 2016 में पूज्य माता जी की याद में गीता विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल गंगाना की स्थापना की । इन्होंने अपनी रुचि ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में जाने उनके संस्थापकों के साथ मिलने की होने लगी।अपने इस कारोबार के माध्यम से भी ये बहुत स्कूल संचालकों के संपर्क में आये।
सामाजिक दाईत्व-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से द्वतीय वर्ष शिक्षित पूर्व खंड कार्यवाह,विश्व हिंदू परिषद पूर्व जिला मंत्री ,,अधिवक्ता परिषद हरियाणा विवेकानंद शिक्षा समिति ईशापुर खेड़ी,,सत्य प्रकाश जाग्रति मिशन सचिव,प्रदेश ,,महासचिव भगवान परशुराम धर्मरक्षा दल हरियाणा, गोड़ संस्था रोहतक, गायत्री परिवार ,, हिन्दू जनजाग्रति समिति ,सह संपादक युवा नेतृत्व ज्योति पत्रिका सह प्रभारी ,अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता कल्याण समिति हरियाणा, प्रधान अराजकीय स्कूल संगठन हरियाणा,सचिव प्राइवेट स्कूल फेडरेशन हरियाणा,आदि अनेक सामाजिक धार्मिक संगठनों में कार्य किया व सतत गतिमान हैं।
आंदोलन जिनमें सहभागिता रही-
राम जन्म भूमि आंदोलन, गो रक्षा आंदोलन ,स्वदेशी जागरण, साक्षरता आंदोलन,भरतीय भाषा अभियान, निजी स्कूलों की मान्यता संबंधित मटका चोंकपर कुलभूषण जी रामावतार जी जवाहरलाल जी, कुलदीप पूनिया भारतभूषण जी रामफल जी रणधीर सैनी जी श्यामलाल जी विनोद पन्नु जी राजेश मुआना आदि सभी 96 आंदोलन कारी संचालकों के साथ गिरफ्तारी बुड़ैल जेल ।
भाषा-
हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी।
राजनीति -
बीजेपी पूर्व जिला मिडिया प्रभारी, जिलाध्यक्ष- शिक्षक प्रकोष्ठ बीजेपी । सम्मेलन व गोष्ठी- शिक्षा सम्मेलन रामलीला मैदान दिल्ली , स्कूल संचालक सम्मेलन, अभिभावक गोष्ठी, सागर अधिवक्ता सम्मेलन हिसार बेंगलुरु, नागपुर जम्मू हिन्दू सम्मेलन दिल्ली गोवा ।
जिम्मेदारी -
प्रधान अराजकीय स्कूल संगठन हरियाणा,
चेयरमैन विवेकानंद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन गोहाना, गीता विद्या मंदिर गंगाना,
एडवोकेट सिविल कोर्ट गोहाना सोनीपत
ऑफिस विवेकानंद पब्लिक स्कूल शिव नगर गोहाना
हरियाणा 8053257799, 01263 271025
राजीव चावला हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले की तहसील थानेसर के रहने वाले है और" फेडरेशन ऑफ़ प्राइवेट स्कूल्ज की कुरुक्षेत्र इकाई के प्रेस सचिव है व् मिनर्वा हाई स्कूल कुरुक्षेत्र के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर हैं । ये प्राइवेट स्कूल्ज के लिए लगातर संघर्ष कर रहे हैं।अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति इनकी सच्ची सेवा और दूसरे स्कूल साथियों की हर संभव मदद योगदान इनके मिलनसार व्यवहार को दर्शाता है। अपनी सादगी और मिलनसार बर्ताव के कारण ये स्कूल संचालकों के बहुत प्रिय है।
जीवन परिचय-
राजीव चावला का जन्म 18 अक्टूबर 1968, में कुरुक्षेत्र के मोहन नगर में माता श्रीमती राज रानी और पिता श्री बनारसी दास चावला के घर में हुआ। यह साधारण से परिवार से ताल्लुक रखते हैं। राजीव चावला स्कूल की सभी गतिविधियों में काफी आगे थे। इन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने ही नगर में चल रहे प्राइवेट स्कूल से प्राप्त की थी,पढ़ाई में शौक के चलते परीक्षाओ में अपने स्कूल में सबसे अधिक अंक प्राप्त किये। इसके बाद इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा कुरुक्षेत्र के गीता विद्यालय से 90% अंक से करने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण प्रेप की शिक्षा इन्होंने गवर्मेंट स्कूल से करने के बाद ग्रेजुएशन कुछ समय बाद इग्नू से की। बचपन से ही ये पढ़ाई में काफी तेज थे। शिक्षा से अपना जोड़ाव बनाए रखने के लिए इन्होंने विभिन्न स्कूलों में अपनी सेवाएं दी। इन्होंने शिक्षा क्षेत्र की सेवा को अपना कार्य व् पूजा माना। 25 वर्ष की आयु में अपने माता पिता के आशीर्वाद से राजीव जी श्रीमति सारिका जी के साथ विवाह बंधन में बंध गए और भगवान के आशीर्वाद से आज उनकी दो पुत्र इंजिनीयर व् डॉक्टर व् एक पुत्री शिक्षिका हैं।
शिक्षक जीवन-
राजीव चावला जी ने परिवार की आर्थिक हालत सही ना होने की वजह से दसवीं कक्षा से ही अपने से छोटी कक्षा के बच्चो को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था। उन्होंने इसके बाद कभी भी अपने परिवार पर पढ़ाई या अपने किसी भी खर्चे का आर्थिंक बोझ अपने परिवार पर नहीं डाला।
1889 में राजीव जी अपने नगर में R.K.कोचिंग सेंटर खोल कर पार्ट टाइम बच्चो को पढ़ाने से शुरआत की थी। विवाह के बाद पत्नी के सहयोग से 1995 में अपना निजी विद्यालय खोला व् दोनों की मेहनत से शीध्र ही पूरे शहर में प्रसिद्ध हो गया l अपनी मेहनत ओर लगन से इन्होंने कुछ ही समय में स्कूल में संख्या 500 तक हो गयी l
2000 में विद्यालय को मिडिल तक परमानेंट मान्यता मिली व् इसके बाद हाई की अस्थाई मान्यता प्राप्त की lबहुत ही संघर्ष के 19 वर्षो के बाद विद्यालय को स्थाई मान्यता मिली, पर मन में एक ठेस थी कि मान्यता के नियम इतने कठिन है की आम आदमी अगर स्कूल खोलना चाहे तो नहीं खोल सकता l
उपलब्धि -
2003 से अब तक प्राइवेट स्कूल्ज के संघर्ष व् उनकी की हर समस्या में साथिओ का बढ़ चढ़ कर साथ दिया l
शोंक -
बच्चो को पढ़ाना सामाजिक कार्य करना
पसंदीदा विषय -
मैथ्स,साइंस
भाषाएँ-
हिंदी, इंग्लिश
लक्ष्य -
पूरे हरियाणा में जितने प्राइवेट स्कूल है उनकी भलाई हेतू काम करना ।
जीवन परिचय-
मेरा जन्म 21-06-1971 में साधारण परिवार व किसान के घर हुआ। मै गॉव में रहता हूँ।
मेरे पिता का नाम बहादुर सिंह व माता का नाम विद्या देवी है।
मेरे मातापिता अनपढ़ होते हुए , मुझे स्कूल भेजा मै अपने पिता का धनयवादी हूँ।
मैंने प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के स्कूल से प्राप्त की। 9th से BA Honrs की शिक्षा शहर से प्राप्त की।
शिक्षक जीवन-
पढाई के दौरान गाँव में शिक्षा के स्तर बढ़ाने के लिए गाँव मैहना खेड़ा में 1993 में सूरज विद्या मंदिर के नाम से स्कूल स्थापित किया जिसको Suraj Education Society द्वारा चलाया जाता है।
मैं Society में Chairman के पद पर हू। आगे की पढाई मैंने स्कूल चलने के साथ-साथ पूरी की है।
धर्मपाल गोरछिया चेयरमैन सूरज शिक्षण समिति मैहना खेड़ा सिरसा
Personal Details:-
Name
: Ajay Saini
Father’s Name
: Shri Gurdail Singh Saini
D.O.B.
: 30.07.1986
CAT.
: BC-B
Address
: H. No. 30-31/6, B-18, Ward No-10 Gandhi Nagar Rohtak,
Haryana - 124001
Professional Details:-
-Gen. Secretary Youth Congress , Rohtak
-Ex-State President All India Saini Samaj Yuva Wing, Haryana
-Program Officer, Shree Balaji Social Welfare Society ® & SBS Group ,Haryana
-Managing Director, Red Cross Computer Shiksha Kendra (R.I.I.T) Haryana
-Managing Director & Founder – GDS Group of Institutions.
About SBS Group:-
We introduce ourselves as SBS group. Its Objective is to promote primary education and to provide Skills development training so that students can get better placement & job opportunities. The Group is also running SDIT ( Sanatan Dharam Institute of Technology) in association with Sanatan Dharam Educational Society, Rohtak.
We are already having experience of NIIT, GT Computers hardware Engg. College and IIJT institutes. The group is also running Computer Education Center in the name of RIIT (Red Cross Institute of Information technology) in alliance with INDIAN RED CROSS SOCIETY, ROHTAK and PANIPAT.
It is also running GDS Learning Schools in order to provide quality education in cheaper rates.
भूपेंद्र जी-
भूपेंद्र हरियाणा के गुरुग्राम जिले के रहने वाले है और" प्राइवेट स्माल बजट स्कूल एसोसिएशन" के अध्यक्ष है। ये गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए लगातर संघर्ष कर रहे हैं।अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति इनकी सच्ची सेवा और दूसरे स्कूल साथियों की हर संभव मदद योगदान इनके मिलनसार व्यवहार को दर्शाता है। अपनी सादगी और मिलनसार बर्ताव के कारण ये स्कूल संचालकों के बहुत प्रिय है।
जीवन परिचय-
भूपेंद्र का जन्म 12 दिसंबर, 1985 में गुरुग्राम के सालीग की ढाणी गांव में माँ श्रीमती विमला देवी और पिता श्री रमेश के घर में हुआ था। यह साधारण से परिवार से ताल्लुक रखते हैं। भूपेंद्र स्कूल की सभी गतिविधियों में काफी आगे थे। इन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने ही गाँव सालिक की ढाणी के (Government School) स्कूल से प्राप्त की थी,पढ़ाई के इसी शौक के चलते भूपेंद्र जी ने मैट्रिक की परीक्षाओ में अपने स्कूल में सबसे अधिक अंक प्राप्त किये। इसके बाद इन्होंने बारहवीं की परीक्षा नॉन मेडिकल से प्राप्त की। इसके बाद इन्होंने B.Sc,B.Ed और M.Sc ( फिजिक्स) की पढ़ाई को पूरा किया। बचपन से ही ये पढ़ाई में काफी तेज थे। शिक्षा से अपना जोड़ाव बनाए रखने के लिए इन्होंने विभिन्न स्कूलों में अपनी सेवाएं दी। इन्होंने शिक्षा क्षेत्र की सेवा को अपना कार्य व् पूजा माना। 25 वर्ष की आयु में अपने माता पिता के आशीर्वाद से भूपेंद्र जी श्रीमति ऋतु जी के साथ विवाह बंधन में बंध गए और भगवान के आशीर्वाद से आज उनकी दो पुत्रिया हैं।
शिक्षक जीवन-
भूपेंद्र जी ने परिवार की आर्थिक हालत सही ना होने की वजह से दसवीं कक्षा से ही अपने से छोटी कक्षा के बच्चो को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था। उन्होंने इसके बाद कभी भी अपने परिवार पर पढ़ाई या अपने किसी भी खर्चे का आर्थिंक बोझ अपने परिवार पर नहीं डाला।
2001 में भूपेंद्र जी अपने गांव के सरकारी स्कूल में पार्ट टाइम बच्चो को पढ़ाने से शुरआत की थी।
इसके बाद जब भी किसी आस पास के सरकारी स्कूल में किसी टीचर की आवश्यकता होती तो भूपेंद्र जी पार्ट टाइम अपना पूरा सहयोग उन स्कूलों को देते थे। ये सरकारी स्कूल के टीचर्स की बहुत सम्मान करते हैं।
2008 में पहली बार इन्होंने पहली बार एक साइंस टीचर के तौर पर गुरु द्रोणाचर्य स्कूल भांगरोला से शुरआत की|
2009 में लॉर्ड कृष्ण इंटरनेशनल स्कूल जमालपुर और नीरज सीनियर सैकंडरी स्कूल में इन्होंने फिजिक्स टीचर के तौर पार्ट टाइम पर अपनी सेवा दी।
2012 में ही इन्होंने एमिटी इंडियन मिल्ट्री कॉलेज मानेसर में फिजिक्स के पार्ट टाइम टीचर के ताैर पर अपनी सेवाएं दी।
2014 में इन्होंने बाल भारती पब्लिक स्कूल मानेसर में फिजिक्स के पार्ट राइम टीचर के तौर पर अपनी सेवाएं दी।
2015 में एक स्कूल संचालक के दुर्व्यवहार के कारण इन्होने अपने ताऊ जी द्वारा 2001 में स्थापित स्कूल अपने छोटे भाई लोकेश कुमार के साथ मिलकर टेक ओवर कर लिया।
2017 में स्कूलों की मान्यता सम्बन्धी समस्या की वजह से इन्होंने दो ओर मान्यता प्राप्त स्कूलों को टेक ओवर कर लिया। परंतु मन में एक ठेस थी कि मान्यता के नियम इतने कठिन है की आम आदमी अगर स्कूल खोलना चाहे तो नहीं खोल सकता है।खासकर गुरुग्राम जैसे जिले में जहां पर जमीनों के रेट करोड़ों में है।
उपलब्धि -
2018 में गुरुग्राम के सभी अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों, एक्जिस्टिंग सूची प्राप्त स्कूलों और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक साथ एक छत के नीचे एक मीटिंग में इकट्ठा किया।
2018 मैं ही बाकी और एसोसिएशन से सहयोग न मिलने के कारण इन्होंने खुद का एक नया एसोसिएशन प्राइवेट स्मॉल बजट स्कूल एसोसिएशन बनाया और जब सभी स्कूलों पर एफ आई हो आर हो रही थी तो इन्होंने गुरुग्राम जिले में लगभग 300 स्कूल संचालक और10000 टीचर्स के साथ मिलकर एक बहुत बड़ी रैली निकाली। इसमें बाकी ओर सभी एसोसिएशन का भी सहयोग रहा। जिससे स्कूलों की एफ आई आर रद्द हुई और सरकार को दबाव में स्कूलों को 1 साल का एक्सटेंशन और देना पड़ा
शोंक -
बच्चो को पढ़ाना मूवी देखना और अखबार पड़ना
पसंदीदा विषय -
फिजिक्स, मैथ्स
भाषाएँ-
हिंदी, इंग्लिश
लक्ष्य
पूरे हरियाणा में जितने भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल है उनको मान्यता दिलवाना।
जीवन परिचय। मुकेश शास्त्री जी
मुकेश जी का जन्म गाँव अलाहर जिला यमुनानगर हरियाणा राज्य के एक मध्यम वर्गीय परिवार में 5 दिसंबर 1985 को हुआ।इनके पिता श्री सोम प्रकाश जी पेशे से डॉक्टर थे,जो कि हमेशा समाज सेवा में लगे रहते थे।माता श्रीमति बोहती देवी जी धार्मिक विचारों से ओतप्रोत हैं,जिनकी प्रेरणा पा कर मुकेश जी भी धार्मिक एवम सामाजिक भावनाओ से भरे हुए हैं।समाज सेवा इनका मुख्य ध्येय रहा हैं।
शिक्षा - मुकेश जी की प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही सरकारी स्कूल में हुई।इसके बाद जनता आदर्श सत्यदेव सीनियर सेकंडरी स्कूल अलाहर से ही इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की।उक्त विद्यालय इनके पिता जी की देखरेख में ही चलता था।मैट्रिक की पढ़ाई करने के बाद इनकी रुचि संस्कृत भाषा मे ज्यादा होने लगी।तत्पश्चात इन्होंने मद्द्यानंद उपदेश महाविद्यालय शादीपुर से उत्तरमाधमा प्रथम वर्ष की परीक्षा पास की।तदुपरांत जनता आदर्श सत्यदेव संस्कृत महाविद्यालय अलाहर से इन्होंने शास्त्री की परीक्षा पास की।फिर शिक्षा शास्त्री दिल्ली,एवम बीएडएवम एम ए की परीक्षा कुरूक्षेत्र विश्वविधालय से उत्तीर्ण की।इस बीच इनकी भेंट आचार्य राज किशोर, आचार्य वेद पाल जी से हुई जहां से इनकी राष्ट्र भगति की भावना को ओर बल मिला।
रुचि - इनकी मुख्य रुचि भगति एवम देश भगति गीत सुनने की ही रही हैं।साथ साथ ही समाज सेवा के कार्यो में इनकी लगाव बहुत ज्यादा है।
शौक़ - ज्यादा से ज्यादा लोगो से मिलना।बातचीत करना।
कैरियर - आरम्भ में इन्होंने ट्यूशन के माध्यम से बच्चो को शिक्षा देना आआरम्भ किया।बाद में इनकी रुचि बिज़नेस की ओर बढ़ गयी।सन 2010 में इन्होंने शास्त्री मोटर्स के नाम से एक फर्म के माध्यम से कार्य करना आरंभ किया।जिस कारण इनका आना जाना हिमाचल ओर उत्तराखंड में ज्यादा होने लगा।धीरे धीरे 2013 में इन्होंने अपनी इस फर्म के माध्यम से स्कूल बस के व्यापार शुरू किया।अब इनकी रुचि ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में जाने उनके संस्थापकों के साथ मिलने की होने लगी।अपने इस कारोबार के माध्यम से भी ये बहुत स्कूल संचालकों के संपर्क में आये।
सन 2016 में इनकी भेंट DAV स्कूल इस्माइला बाद की प्रिंसिपल डॉक्टर सर्वजीत कोर जी से हुईं। उन्होंने इनको स्कूल संचालन के बारे में प्रेरित किया,तब इन्होंने अप्रैल 2016 में ही अपने पिता जी के द्वारा आरम्भ किये गए जनता आदर्श सत्यदेव सीनियर सेकंडरी स्कूल के संचालन में इनकी रुचि होने लगी।3 जनवरी 2017 को इनके पिता श्री सोम प्रकाश जी अपनी सांसारिक यात्रा पूरी करके चल बसे।तब से इन्होंने मन मे ठान ली कि अब अपने जनता पब्लिक स्कूल अलाहर को बुलंदियों पर ला कर ही दम लेना है।सन 2018 में इन्होंने अपने विद्यालय की सी बी एस ई नई दिल्ली मान्यता ली।आज इनकी मेहनत एवम माता श्री मति बोहती देवी जी के आशीर्वाद से इन्होंने जनता पब्लिक स्कूल अलाहर को चार चांद लगा दिए।
जिम्मेदारी - डायरेक्टर जनता पब्लिक स्कूल अलाहर affiliated to CBSE.NEW DELHI
डायरेक्टर शास्त्री मोटर्स यमुनानगर
संपर्क सूत्र - 9813546080, आफिस 01732274648
जीवन परिचय। भूदेव भारद्वाज
जन्म –श्रीमान जी का जन्म एक साधारण ब्राह्मण परिवार में हरियाणा प्रान्त के गुडगाँव (वर्तमान में पलवल )जिले के गाँव टीकरी ब्राह्मण में दिनांक 4अगस्त सन 1967 को हुआ था | माता जी श्रीमती महादेवी व् पिताजी श्रीमान जीवन लाल भारद्वाज जी वैदिक धर्मी हिन्दू परिवार से सम्बन्ध रखते हैं|
शिक्षा - आपकी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांवके ही सरकारी प्राइमरी स्कुल से, तथा सरकारी हाई स्कूल से दशवी कक्षा सन 1984 में उत्तीर्ण की हायरसेकण्ड्री 1985 में Govt. हायरसेकण्ड्री स्कूल पलवल से पूर्ण करने के बाद स्नातक की डिग्री G.G.D.S.D.कालेज पलवल से प्राप्त की | कम्पुटर में रूचि होने के कारन क्योंकि आप आधुनिक विचारधारा अर्थात विज्ञान युग में जीने की अभिलासा रखने वाले अति महत्वाकांक्षी व्यक्तित्व के धनी पुरुष हैं | इसलिए आपने कंप्यूटर में डिग्री करने की ठानी | पिताजी के सहयोग व् अपने एक मित्र की सलाह पर पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर भी कर लिया | अब विचार हुआ अध्यापन में जाने का तो बी. एड. जरुरी था | सन 1994 में M.D.UNIVERSITY ROHTAK से B.Ed. की डिग्री भी प्राप्त कर ली | वर्ष 2004 M.A.in english की डिग्री लेने के बाद भी पढने की भूक अभी शांत नहीं हुई , और अब मन करता है अधिवक्ता अर्थात वकालत करने का | फिर क्या ! आप धुन के पक्के थे सो पिताजी के सामने प्रस्ताव पेश हुआ और छोटे भाई के साथ LLB करने का विचार मंजूर हुआ और आपने सन 2007 में Vrindaban law college वृन्दाबन से LLB की डिग्री भी प्राप्त कर ली |
कार्य - वैसे तो आर्थिक स्थिती ठीक थी परन्तु स्वावलंबी होना आपकी फितरत थी | एक निजी कंपनी (टेलर इंस्ट्रूमेंट इंडिया लिमिटेड) में सी.जी.एम्.के पी.ए.के रूप में कार्य किया , इसके बाद एस्कॉर्ट जे.सी.बी.इंडिया लिमिटेड में सहायक कंप्यूटर प्रोग्रामर के रूप में कार्य किया | एक अप्रैल राम नवमी के दिन अपना निजी विधालय खोलने की प्रेरणा हुई , इसके बाद 1993 अप्रैल एक राम नवमी के दिन ही बी पी हाई स्कूल की स्थापना की | 1996 में स्थाई मान्यता लेकर अपना निजी विद्यालय शुरू किया जो आज तक भी अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होता हुआ दिन रात समाज के लिए शिक्षा की नई बुलंदियों को छू रहा है | सामजिक कार्य :- समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे नशा ,जातिवाद,बालविवाह आदि बुराइयों के विरुद्ध आवाज उठाना तथा गरीब व् असहाय बच्चो को फ्री शिक्षा देना जैसे कार्यों में रूचि लेना , इसके अलावा आर्य समाज के सहयोग से गरीब कन्याओं की शादी कराना , नौजवानों को दहेज़ रहित शादी के लिए प्रेरित करना , योग व् शारीरिक शिक्षा की ओर प्रवृत करना आदि महत्वपूर्ण कार्यों में संलग्न रहना इनका कार्य है |
उपलब्धियाँ - विभिन्न सामाजिक संश्थाओं द्वारा सम्मानित |
पलवल जिला उपयुक्त माननीय श्री मनीराम शर्मा द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित |
पतंजलि योग पीठ पलवल द्वारा योग में उत्कर्ष्ठ कार्य के लिए सम्मानित |
शौक़ - देश भ्रमण , पुस्तकें पढना ,योगिक क्रियाये करना ,आदि |
पसंदीदा विषय - इतिहास व् राजनीति शाश्त्र |
भाषाए - हिंदी ,अंग्रेजी , संस्कृत आदि |
भूदेव भारद्वाज
कंवरपाल गुर्जर
जन्म: 08 मई 1960 ) हरियाणा के जिला(यमुनानगर), कंवरपाल, गाँव बहादुरपुर, पोस्ट ऑफिस खिजराबाद, तहसील छछरौली, जिला यमुनानगर। हरियाणा में भाजपा से (3 नवंबर, 2014 ) को 13वी विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में शपथ ग्रहण की। कंवरपाल हरियाणा के यमुनानगर जिले के रहने वाले है और 13वी विधानसभा में जगाधरी से विधायक है इनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार में बहुत बहुमल्य मुद्दों पर बिल पास किये जा रहे हैं, अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति कंवरपाल जी की सच्ची सेवा और धार्मिक कार्यो में निजी योगदान इनके धार्मिक सवभाव को दर्शाता है। अपनी सादगी और मिलनसार वर्ताव के कारण जनता में इतना फेमस शायद ही कोई और विधायक होगा, जिसने जनता से इतना प्यार प्राप्त किया हो, राजनीती और काजनीति का एक बहुत अच्छा उदहारण अगर कंवरपाल जी को कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
जीवन परिचय - कंवरपाल गुर्जर का जन्म 8 मई, 1960 में यमुनानगर के बहादुरपुर गांव में माँ श्री मति जगवती देवी और पिता श्री मान चन्दन सिंह के घर में हुआ था। यह साधारण से किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कंवरपाल स्कूल की सभी गतिविधियों में काफी आगे थे। इन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने ही गाँव बहादुरपुर के (Government School) स्कूल से प्राप्त की थी,पढ़ाई के इसी शौक के चलते कंवर जी ने मेट्रिक की परीक्षाओ में अपने ग्राम में सबसे अधिक अंक पराप्त किये। कंवर पाल दसवीं पास करने के बाद यमुनानगर के M.L.N कॉलेज से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ इसी कॉलेज से B.A में प्रवेश किया। अपनी माटी से अपना जोड़ाव बनाए रखने के लिए कही नौकरी न करना सही समझा और कृषि व् समाज सेवा को अपना कार्य व् पूजा माना| कुछ समय बाद अपने माता पिता के आशीर्वाद से कंवरपाल जी श्री मति सुनीता जी के साथ विवाह बंधन में बंध गए और भगवान के आशीर्वाद से आज एक बेटा और दो पुत्रिया हैं।
राजनीतिक जीवन- - कंवरपाल जी ने साध्वी ऋतम्भरा से प्रभावित होकर 1989 में राम जन्मभूमि आंदोलन में भाग लिया।
1990 में कंवरपाल जी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए |
भारतीय जनता पार्टी के जिला महासचिव बने दो बार |
तीन बार भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव बने।
1991 में छछरौली से विधायक के लिए पहली बार चुनाव लड़ा |
उपलब्धि - 3 नवम्बर 2014 को हरियाणा प्रदेश की 13वी विधानसभा के अध्यक्ष बनाए गए। दो बार हरियाणा विधानसभा में विधायक के चुनाव जीते (2000 , 2014).
शौक़ - पहाड़ों पर भ्रमण
किताबें और अखबार पड़ना
पसंदीदा विषय - भगवद गीता
इतिहास
विदेश यात्रा- बांग्लादेश, दुबई(U.A.E), U.K, कनाडा, USA, फ्रांस & जर्मनी |
भाषाएँ-हिंदी
सम्मेलन / संगोष्ठी / अध्ययन दौरे में भाग-मुंबई, नागपुर और दिल्ली में भाजपा के वार्षिक सम्मेलनों में उपस्तिथि।
26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस पर कैथल में ध्वज आरोहण किया।
अक्षय तृतीया पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर जी ने 'सरस्वती पुनरुत्थान परियोजना' का उद्घाटन किया।
कंवरपाल गुर्जर
BOARD AFFILIATION
TYPE OF SCHOOL
DISTRICT
CONSTITUENCY
SCHOOL NAME
RUN UNDER SOCIETY / TRUST NAME
SCHOOL ADDRESS WITH LAND MARK
SCHOOL OWNER NAME
CONTACT NUMBER
WHATSAPP NUMBER
CLASS UPTO
NUMBER OF STUDENTS
NUMBER OF TEACHING STAFF
NUMBER OF NON TEACHING STAFF
NUMBER OF TRANSPORT VEHICLE
UPLOAD OWNER PHOTO
कंवरपाल गुर्जर
जन्म: 08 मई 1960 ) हरियाणा के जिला(यमुनानगर), कंवरपाल, गाँव बहादुरपुर, पोस्ट ऑफिस खिजराबाद, तहसील छछरौली, जिला यमुनानगर। हरियाणा में भाजपा से (3 नवंबर, 2014 ) को 13वी विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में शपथ ग्रहण की। कंवरपाल हरियाणा के यमुनानगर जिले के रहने वाले है और 13वी विधानसभा में जगाधरी से विधायक है इनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार में बहुत बहुमल्य मुद्दों पर बिल पास किये जा रहे हैं, अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति कंवरपाल जी की सच्ची सेवा और धार्मिक कार्यो में निजी योगदान इनके धार्मिक सवभाव को दर्शाता है। अपनी सादगी और मिलनसार वर्ताव के कारण जनता में इतना फेमस शायद ही कोई और विधायक होगा, जिसने जनता से इतना प्यार प्राप्त किया हो, राजनीती और काजनीति का एक बहुत अच्छा उदहारण अगर कंवरपाल जी को कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
जीवन परिचय - कंवरपाल गुर्जर का जन्म 8 मई, 1960 में यमुनानगर के बहादुरपुर गांव में माँ श्री मति जगवती देवी और पिता श्री मान चन्दन सिंह के घर में हुआ था। यह साधारण से किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कंवरपाल स्कूल की सभी गतिविधियों में काफी आगे थे। इन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने ही गाँव बहादुरपुर के (Government School) स्कूल से प्राप्त की थी,पढ़ाई के इसी शौक के चलते कंवर जी ने मेट्रिक की परीक्षाओ में अपने ग्राम में सबसे अधिक अंक पराप्त किये। कंवर पाल दसवीं पास करने के बाद यमुनानगर के M.L.N कॉलेज से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ इसी कॉलेज से B.A में प्रवेश किया। अपनी माटी से अपना जोड़ाव बनाए रखने के लिए कही नौकरी न करना सही समझा और कृषि व् समाज सेवा को अपना कार्य व् पूजा माना| कुछ समय बाद अपने माता पिता के आशीर्वाद से कंवरपाल जी श्री मति सुनीता जी के साथ विवाह बंधन में बंध गए और भगवान के आशीर्वाद से आज एक बेटा और दो पुत्रिया हैं।
राजनीतिक जीवन- - कंवरपाल जी ने साध्वी ऋतम्भरा से प्रभावित होकर 1989 में राम जन्मभूमि आंदोलन में भाग लिया।
1990 में कंवरपाल जी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए |
भारतीय जनता पार्टी के जिला महासचिव बने दो बार |
तीन बार भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव बने।
1991 में छछरौली से विधायक के लिए पहली बार चुनाव लड़ा |
उपलब्धि - 3 नवम्बर 2014 को हरियाणा प्रदेश की 13वी विधानसभा के अध्यक्ष बनाए गए। दो बार हरियाणा विधानसभा में विधायक के चुनाव जीते (2000 , 2014).
शौक़ - पहाड़ों पर भ्रमण
किताबें और अखबार पड़ना
पसंदीदा विषय - भगवद गीता
इतिहास
विदेश यात्रा- बांग्लादेश, दुबई(U.A.E), U.K, कनाडा, USA, फ्रांस & जर्मनी |
भाषाएँ-हिंदी
सम्मेलन / संगोष्ठी / अध्ययन दौरे में भाग-मुंबई, नागपुर और दिल्ली में भाजपा के वार्षिक सम्मेलनों में उपस्तिथि।
26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस पर कैथल में ध्वज आरोहण किया।
अक्षय तृतीया पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर जी ने 'सरस्वती पुनरुत्थान परियोजना' का उद्घाटन किया।
*कोई एक स्टेट प्रधान न होकर, सभी 7 स्तर के स्कूलों का एक एक प्रतिनिधि स्टेट स्तर के पैनल का हिस्सा हो जो कि 7 व्यक्तियों का पैनल हो,जो अहम फैसला ले।
*7 स्तर (1.प्ले-वे 2.ग़ैर-मान्यताप्राप्त 3.2003 के बाद के अस्थाई 4.2003 से पहले के अस्थाई 5.2003 से पहले के अस्थाई जो किसी स्तर तक स्थाई भी है 6. स्थाई मान्यताप्राप्त 7. CBSE मान्यताप्राप्त) पर स्कूलों की कार्यकारणी टीमें चुनाव के द्वारा गठित हो।
*प्रत्येक विधानसभा स्तर पर उपरोक्त 7 स्तर की टीमो का चुनाव के द्वारा गठन हो।
*प्रत्येक जिले स्तर पर उपरोक्त 7 स्तर की टीमों का चुनाव के द्वारा गठन हो।
*राज्य स्तर पर भी उपरोक्त 7 स्तर की टीमों का चुनाव के द्वारा गठन हो
* प्रत्येक स्तर पर हर टीम में 9 कार्यकारी पद प्रधान/उपप्रधान/सचिव/सह-सचिव/कोषाध्यक्ष/प्रेस-प्रवक्ता/व 2 अन्य सदस्यों का चुनाव किया जाए।
*प्रत्येक चुना गया व्यक्ति अपने पदानुसार पूरी निष्ठा से काम करे,इसके लिए प्रत्येक 3 वर्ष बाद चुनाव करवाये जाएंगे।
*यूनियन को चलाने के लिए लिए जाने वाले फंड व खर्च ECS बैंकिंग के माध्यम से लिए जाएंगे व जिसके जानकारी प्रत्येक तिमाही में हर सदस्य को दी जाएगी।
*सभी स्तर पर कार्य व चुनाव सही चले इसके लिए प्रत्येक जिले से एक-एक व्यक्ति का चुनाव हर 5 वर्ष के लिए किया जाएगा, जो अपने स्तर पर टीम बना कर हर स्तर के चुनाव बिना किसी विवाद के संपन्न करवा सके।
*यूनियन का संविधान लिखित रूप में सभी सदस्यों के पास होगा,ताकि सभी को नियम व कानून का ज्ञान रहे।
*आज के समय मे जितनी भी स्कूल यूनियंस हरियाणा में काम कर रही है, वे आपसी मनमुटाव खत्म करके एकजुट हो, स्कूलों के हित मे संगठित होकर काम करे।
*स्कूलों के बीच आपसी तालमेल स्थापित करना,ताकि एक ही क्षेत्र के नजदीकी स्कूलों में किसी प्रकार का आपसी द्वेष न हो, और वे किसी भी प्रकार से एक दूसरे को नुकसान न पहुचायें।
*हर समस्या में सम्पूर्ण हरियाणा एकजुट होगा चाहे समस्या किसी भी स्तर के स्कूल की हो।
*भविष्य में भी यदि कोई पढ़ा लिखा व्यक्ति नया स्कूल चलता है तो वह भी इसका सदस्य बन सकता है।
*स्कूलों के स्तर को इस हद तक सुधारा जाएगा कि सरकार भी शिक्षा के प्रचार प्रसार में निजी स्कूलों की भागीदारी माने।
*हर स्तर पर स्कूलों की प्रत्येक समस्या का समाधान किया जाएगा।
*हर स्कूल संचालक को संगठन के मार्गदर्शन से ये एहसास होगा ही अब वह भी अपने स्कूल को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
सभी प्रकार के स्कूलों चाहे वह किसी भी स्तर का हो को एक संगठन के तहत संगठित करके , उनके हितो की रक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठाना है | ये आपके सहयोग के बिना असंभव है | आप अपनी क्षमतानुसार One State One Union को आर्थिक रूप से सहयोग दे सकते है |
Bank Name | Bandhan Bank |
Branch Name / Code | Rohtak / 1825 |
Address | Ground Floor, Anand Plaza Delhi Road, Rohtak, Haryana Pin-124001 |
MICR / IFSC Code | 124750002/BDBL0001825 |
Date of Issue Passbook | 23/08/2017 |
Account Number | 50170010474425 |
Account Type / Currency | SB TSAC-Trust-Society-Assoc Á INR |
Account Holder Name | DECENT EDUCATION SOCIETY |
Joint A/C Holder Name(s) | Null |
Mode of Operation | SEE NOTES FOR MOP |
Address | 1164/20 EKTA COLONY, DIST ROHTAK, PIN-124001 |
Contact Number | 9254090777 |
Account Opening Date | 24/07/2017 |
Nominee Regd | No |
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